हिन्दी को अब विश्व व्याखत बना दे ।।
हिन्दी में है वो जज्बा ।
जान सेवा हित व्यवसाय सवारे ।।
आओ प्यारे साथ हमारे ।
हिन्दी को अब विश्व व्याखत बना दे ।।
हिन्दी का हैं ; अब उच्च लक्ष्य ।
देश विदेश का करेगी उत्थान ॥
ज़न -ज़न के रोम-रोम में फैल गया ।
अब हिन्दी का वरदान॥
आओ प्यारे साथ हमारे ।
हिन्दी को अब विश्व व्याखत बना दे ।।
अब पूरे विश्व में ऐसा न होगा कोई स्थान जहाँ ।
जहाँ हिन्दी का न हो संस्थान ॥
आओ प्यारे साथ हमारे ।
हिन्दी को अब विश्व व्याखत बना दे ।।
उठो हिदी के सच्चे सेवक ।
चौ .चरण सिंह विश्वविद्यालय के ॥
डॉक्टर नवीन चंद लोहानी व हिन्दी विभाग ।
बुला रही हैं ;मात्र भाषा की आवाज़ ॥
कार्य लोक हित तुम पर निर्भर ।
तुम पर निर्भर जान कल्याण ॥
आओ प्यारे साथ हमारे ।
हिन्दी को अब विश्व व्याखत बना दे ।।
bahut badhiya blog or vicharo ke liye swagat hai......!!
ReplyDeletebahut khoob kaha ...likhte raho!
ReplyDeleteHindi bahad sureelee bhasha hai...aur vishw me khyati zaroor paye! Aameen!
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