sunil kumar sagar

sunil kumar sagar

Monday, April 20, 2009

जरा आप बताये



क्यो एक्सरे की कन्या भूर्ण रिपोर्ट आते ही

जन्म से पहले मार दी जाती है लड़कियाँ ?

क्यो कोख में कन्या भूर्ण आते ही दिल

पर बोझ बन जाती है लडकियाँ ?

क्यो अग्नि जहर व आत्म हत्या आदि से

मर जाती है लड़कियाँ ?

योग्य वर की तालाश में पिता की आत्म

हत्या का कारण बन जाती है लड़किया ?

क्यो कुछ समय के लिया स्तेमाल करके

दारू की बोतल की तरह फेक दी जाती है

लडकियाँ ?

क्यो सामाजिक परम्परा शिखार हो

कर मीरा बन जाती है लडकियाँ ?

क्यो खामोश हैं, समाज जब इस कद्र
गुम हो रही हैं लड़किया ?
अरे ! मेरे समाज कही ऐसा न की जुबानों
पर ही न रह जाये लड़कियाँ ।
कल पूछे कोई तो बताये कैसी होती
हैं लडकियाँ ?

Friday, April 3, 2009

हम में भी है दम :बंजारे

हम दीवानों की मस्ती आलम है
आज यहा कल वह होता नही
अपना स्थिर रेन बसेरा जहा हमारे
मन में आए वहा डाले डेरा
खाते है मेहनत कि रोज़ी -रोटी
यह भी चिंता नही कौन सी छोटी
कौनसी मोटी
मारेगे गर्म लोहे पर घन
जो हमारी इज्ज़त से कुचलदेगे
उसका फन नाम है
नाम है हमारा बंज़र
अपने धर्म के खातिर
बन जाए अंगारा सड़क फूतपत
हमारा आवास है खुले आसमान में
बन्दा करता निवास है
शारीरिक रूप से होते बलशाली
जुग्गी झोपडी में मन लेते होली
व दिवाली
करती है सरकार शिक्षा व नौकरियों
में योगदान
हम भी प्रगति से चूम लेगे आसमान